Monday, November 26, 2018

Hindi Sad Shayari


जख्मी दिल का मरहम ढूँढे ये दुनिया मयखानों में
दिल का दर्द पिया करती है वो मय के पैमानों में

तुझमें ही ढूँढू मैं खुद को खबर न मुझको अब अपनी
नाम शुमार लगा है होने मेरा अब दीवानों में

हरसू झूठ दिखा था मुझको जहाँ तलक ये नज़र गयी
सच को तो मैं ढूँढ न पाया दुनिया के बाजारों में

दिल के जख्म तो होते गहरे मिलती इनकी थाह नहीं
कुछ कड़ियां इनकी मिल जातीं यादों के तहखानों में

बड़ा सँभाला दर्दे दिल को फिर भी हाथ न ये आया
अक्सर इसको रिसते देखा है अपने अश्आरों में !!


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